Long Term Investing vs Short Term Trading – कौन है बेहतर तरीका शेयर मार्केट में? (2025 Guide)

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जानिए Long Term Investing और Short Term Trading में क्या फर्क है, कौन ज्यादा फायदेमंद है, और आपके लिए कौन-सी रणनीति सही रहेगी। पढ़िए पूरा 2025 गाइड हिंदी में।


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Long Term Investing vs Short Term Trading – कौन है बेहतर तरीका शेयर मार्केट में? (2025 Guide)

जानिए Long Term Investing और Short Term Trading में क्या फर्क है, कौन ज्यादा फायदेमंद है, और आपके लिए कौन-सी रणनीति सही रहेगी। पढ़िए पूरा 2025 गाइड हिंदी में।


शेयर मार्केट में पैसा कमाने के दो प्रमुख रास्ते हैं —
Long Term Investing (दीर्घकालिक निवेश) और Short Term Trading (अल्पकालिक ट्रेडिंग)
दोनों के अपने-अपने फायदे और जोखिम हैं।
बहुत से नए निवेशक यह समझ नहीं पाते कि आखिर कौन-सा तरीका उनके लिए बेहतर रहेगा

इस ब्लॉग में हम जानेंगे:

  • Long Term Investing क्या है
  • Short Term Trading क्या है
  • दोनों में क्या फर्क है
  • किसमें ज्यादा फायदा और सुरक्षा है
  • 2025 में कौन-सी रणनीति बेहतर रहेगी

🧩 1. Long Term Investing क्या है?

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Long Term Investing मतलब किसी शेयर या कंपनी में लंबे समय (3 साल, 5 साल या उससे ज्यादा) के लिए पैसा लगाना।

निवेशक कंपनी के बिजनेस ग्रोथ, प्रॉफिट और फंडामेंटल्स देखकर निवेश करता है।
इसका मकसद है सालों में अपने निवेश को कई गुना बढ़ाना।

📈 उदाहरण:

अगर आपने 2010 में ₹10,000 TCS या Infosys में लगाए होते,
तो 2025 तक वह ₹2 से ₹4 लाख तक हो सकते थे।

💎 Long Term Investing की विशेषताएँ:

  • शेयर को लंबे समय तक होल्ड करना
  • कंपनी की ग्रोथ और डिविडेंड से फायदा लेना
  • कम रिस्क और ज्यादा स्थिरता
  • मार्केट की गिरावट में भी धैर्य रखना

⚡ 2. Short Term

Short Term Trading का मतलब है —
शेयर को कम समय (कुछ मिनट, घंटे, दिन या हफ्तों) के लिए खरीदना और बेचना ताकि प्राइस मूवमेंट से जल्दी मुनाफा कमाया जा सके।

ट्रेडर का ध्यान कंपनी की फंडामेंटल्स पर नहीं,
बल्कि चार्ट, ट्रेंड और प्राइस मूवमेंट पर होता है।

🔁 Short Term Trading के प्रकार:

  1. Intraday Trading: एक ही दिन में खरीद-बिक्री
  2. Swing Trading: कुछ दिन या हफ्तों तक होल्ड
  3. Positional Trading: कुछ महीने तक होल्ड

⚙️ Trader का लक्ष्य:

छोटे प्राइस मूवमेंट से 2%–10% तक का फास्ट प्रॉफिट लेना।


🔍 3. Long Term Investing vs Short Term Trading में मुख्य अंतर

तुलना बिंदुLong Term InvestingShort Term Trading
समय अवधि3 साल से अधिककुछ दिन से कुछ महीने
उद्देश्यपूंजी में स्थायी वृद्धितेजी से मुनाफा
रिस्क लेवलकमज्यादा
स्किल की जरूरतफंडामेंटल एनालिसिसटेक्निकल एनालिसिस
समय देनाकम (Passive)ज्यादा (Active)
भावनाओं पर नियंत्रणजरूरीबहुत जरूरी
टैक्सLong-term tax (कम दर)Short-term tax (ज्यादा दर)
उपयुक्त व्यक्तिधैर्यवान निवेशकफुल-टाइम ट्रेडर

💰 4. Long Term Investing के फायदे

  1. कंपाउंड ग्रोथ का फायदा:
    जितना लंबा समय, उतना ज्यादा रिटर्न।
    उदाहरण: ₹1 लाख को 15% रिटर्न पर 10 साल में ₹4 लाख से ज्यादा बना सकते हैं।
  2. कम रिस्क:
    मार्केट की गिरावट का असर समय के साथ कम हो जाता है।
  3. डिविडेंड और बोनस का फायदा:
    कंपनियां हर साल बोनस शेयर या डिविडेंड देती हैं।
  4. कम समय देना पड़ता है:
    रोज मॉनिटर करने की जरूरत नहीं, बस समय-समय पर पोर्टफोलियो चेक करें।

⚠️ 5. Short Term Trading के फायदे और नुकसान

✅ फायदे:

  • तेजी से मुनाफा कमाने का मौका
  • रोज नई ट्रेंड पकड़ने का अवसर
  • मार्केट की मूवमेंट समझने में अनुभव बढ़ता है

❌ नुकसान:

  • ज्यादा रिस्क, खासकर इमोशन कंट्रोल न होने पर
  • लगातार स्क्रीन टाइम और ध्यान की जरूरत
  • एक गलती में पूरा कैपिटल डूब सकता है

🧠 6. किसके लिए कौन-सी रणनीति बेहतर?

👨‍💼 अगर आप Working Professional हैं:

तो Long Term Investing आपके लिए बेहतर है।
आपको रोज मार्केट देखने की जरूरत नहीं, बस SIP या निवेश जारी रखें।

👨‍💻 अगर आप Full-Time Market Trader हैं:

तो Short Term Trading आजमाई जा सकती है,
लेकिन इसके लिए ट्रेनिंग, चार्ट एनालिसिस और स्ट्रिक्ट डिसिप्लिन जरूरी है।


📊 7. 2025 में कौन-सा तरीका ज्यादा फायदेमंद रहेगा?

2025 में शेयर मार्केट में वोलैटिलिटी (उतार-चढ़ाव) ज्यादा रहने की उम्मीद है।
ऐसे में निवेशकों के लिए हाइब्रिड रणनीति अपनाना समझदारी होगी।

🧩 Hybrid Strategy (Best of Both Worlds):

  • 70% पूंजी Long Term Investing में रखें (जैसे Bluechip & Index Fund)
  • 30% पूंजी Short Term Trading में प्रयोग करें (जैसे Swing या Intraday)

इससे आप दोनों का फायदा ले सकते हैं —
Growth + Quick Profit।


🏁 8. शुरुआती लोगों के लिए सुझाव

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  1. शुरुआत Investing से करें, न कि Trading से।
  2. Demat + Trading Account बनाएं और SIP शुरू करें।
  3. बेसिक एनालिसिस, Risk Management और Stop Loss की जानकारी लें।
  4. Emotional Control बनाए रखें — लालच या डर में गलत फैसला न लें।
  5. सीखते रहें — हर महीने 1–2 फाइनेंशियल बुक पढ़ें।

🔖 9. निष्कर्ष (Conclusion)

  • Long Term Investing उन लोगों के लिए है जो धैर्यवान हैं और समय के साथ कंपाउंड ग्रोथ पाना चाहते हैं।
  • Short Term Trading उन लोगों के लिए है जो फुल-टाइम मार्केट को समझना और तेजी से प्रॉफिट बुक करना चाहते हैं।
  • सही रणनीति वही है जो आपकी लाइफस्टाइल, समय और जोखिम लेने की क्षमता के हिसाब से फिट बैठे।

👉 याद रखें —

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“Market में टिके रहना ही सबसे बड़ी जीत है।”

🧾 Author Bio (for footer section)


लेखक: राम अवध सिंह
ब्लॉग: Sharemarg.com
ईमेल: singhramawadhofficial@gmail.com
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